कल एक युवक हमारे घर काम करने आया, यही कोई 17-18 वर्ष का रहा होगा पर इसकी कहानी जानकर मुझे आश्चर्य हुआ इसकी शादी हो चुकी है और एक साल की एक बेटी भी है। हैरत तो यह थी की जो खुद बच्चा है उसका भी एक बच्चा!
क्या अभी भी लोग इतने पीछेरे हुए है। बाल विवाह जैसा अपराध क्या अभी भी मौजूद है। जो बच्चे विवाह का मतलब भी नहीं जानते उन्हें गुड्डे -गुड्डियो की तरह समझकर बयाह देना क्या न्याय है?
4 comments:
कई सारे कारण हैं जिनके चलते आज भी यह कुप्रथा अपने पांव जमाये हुए है.....विचारणीय बात कही आपने
na jane ye kuprathayen kab samapt hongi.
vicharneey post.
आप सही कह रहीं हैं सुजाता जी.
अभी भी बहुत पिछडापन है हमारे देश में.
बाल विवाह अन्याय ही तो है .
सुन्दर सार्थक पोस्ट.
आभार.
मेरे ब्लॉग पर आपका स्वागत है.
बहुत ही दुखद स्थिति।
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